पारद शिवलिंग महत्व - AN OVERVIEW

पारद शिवलिंग महत्व - An Overview

पारद शिवलिंग महत्व - An Overview

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भगवान कुबेर धन एवं निधि के देवता हैं और कुबेर कुंजी के माध्यम से इनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यदि कोई जातक सच्चे मन से कुबेर कुंजी की आराधना करता है तो उसके भाग्य में वृद्धि होती है तथा जीवन धन एवं वैभव से परिपूर्ण रहता है। कुबेर कुंजी घर के मंदिर, तिजोरी एवं अलमारी में राखी जाती है। वहीं ऑफिस आदि में जहाँ से आर्थिक लेनदेन होता हो वहाँ पर भी कुबेर कुंजी को स्थापित किया जा सकता है। कुबेर कुंजी सभी प्रकार की आर्थिक समस्याओं को दूर करती है। करियर क्षेत्र में भी यह बेहद लाभकारी है। इससे जातक नई नौकरी, प्रमोशन, इंक्रीमेंट एवं अन्य प्रकार के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे आर्थिक जीवन भी मजबूत होता है।

- वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है. - नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है. - कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है.

हिंदू धर्म में शिवलिंग भगवान शिव का सर्वोच्च प्रतीक है और उनकी पूजा का केंद्र बिंदु माना जाता है। विभिन्न प्रकार के शिवलिंग विद्यमान हैं, जिनमें पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभऔर स्फटिक शिवलिंग का एक विशेष स्थान है। ये दोनों शिवलिंग अपनी विशिष्टताओं और लाभों के कारण पूजनीय माने जाते हैं। आइए, इस लेख में इन शिवलिंगों की महिमा, महत्व और घर में स्थापित करने के फायदों को विस्तार से जानें।

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डिसक्लेमर इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या more info विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा ना करवाएं। लेकिन इसकी पूजा और अभिषेक जरूर करना चाहिए।

योग शिखोपनिषद ग्रन्थ में पारद के शिवलिंग को स्वयंभू भोलेनाथ का प्रतिनिधि माना गया है। इस ग्रन्थ में इसे महालिंग की उपाधि मिली है और इसमें शिव की समस्त शक्तियों का वास मानते हुए पारद से बने शिवलिंग को सम्पूर्ण शिवालय की भी मान्यता मिली है

इसके पूर्व इस कवच को गंगाजल या कच्चे दूध की छींटे मारकर इसे शुद्ध करें।

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धार्मिक मान्यतेनुसार, महादेव हे पारद शिवलिंगात वास करतात. ज्या घरात पारदचे शिवलिंग असते, त्या घरात तंत्र-मंत्रचा किंवा इतर कोणत्याही नकारात्मक शक्तीचा प्रभाव राहत नाही. यासह विद्यार्थ्यांनी मानसिक क्षमता वाढवण्यास मदत होते. 'ओम नमः शिवाय' चा जप केल्याने ज्ञान, बुद्धी आणि बुद्धी वाढते. तर महामृत्युंजय मंत्राने आरोग्य आणि दीर्घायुष्यासाठी लाभते. घरात पारद शिवलिंगाची नियमित पूजा केल्याने घरात समृद्धी येते. विवाहास पात्र असलेल्या तरुण-तरुणींनी पारद शिवलिंगासमोर बसून मंत्रोच्चारांसह पूजा करावी आणि चांगला जेडीदार मिळावा यासाठी प्रार्थना करावी.

रोज अभिषेक करताना नमः शिवाय मंत्र म्हणावा , 

सिद्धिदात्री – ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धयै नमः।।

यह घर के सदस्यों को नकारात्मक विचारों और भावनाओं से बचाता है।

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